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Exit Load in Mutual Fund: जानिए म्यूच्यूअल फंड में एग्जिट लोड क्या होता है? | Exit Load in Hindi

Ankit Singh
4 Feb 2022 6:56 AM GMT
Exit Load in Mutual Fund: जानिए म्यूच्यूअल फंड में एग्जिट लोड क्या होता है? | Exit Load in Hindi
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Exit Load in Mutual Fund: म्यूच्यूअल फंड में निवेश से पहले एग्जिट लोड (Exit Load) चेक करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह आपके रिटर्न को प्रभावित करता है। आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि Exit Load kya Hai? (What is Exit Load in Mutual Fund) तो चलिए जानते है Exit Load in Hindi

Exit Load in Hindi: म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) में ईएलएसएस (ELLS) और क्लोज-एंडेड फंड को छोड़कर सभी फंड काफी लिक्विड होते हैं। यानी कि आप किसी नही स्कीम में से बड़ी ही आसानी से एंट्री ले सकते है और एग्जिट (Exit) भी कर सकते है। हालांकि, कुछ स्कीम के तहत जब आप अपने यूनिट को रिडीम या स्विच करते हैं तो एक एक्जिट लोड (Exit Load) लागू होता है। आज के इस लेख में हम यही समझाने वाले है कि Mutual Fund Me Exit Load kya Hai? (What is Exit Load in Mutual Fund) और एक्जिट लोड की गणना (Calculation of Exit Load) कैसे करते है। तो चलिए जानते है Exit Load in Mutual Fund

Exit Load Kya Hai? | What is Exit Load in Hindi

'Load' शब्द का अर्थ है चार्ज या फीस और 'Exit' शब्द का अर्थ है छोड़ना। इन दोनों शब्दों को मिलाकर एक्जिट लोड (Exit Load) का अर्थ काफी स्पष्ट हो जाता है। जब आप Mutual Fund स्कीम से आंशिक रूप से या पूरी तरह से बाहर निकलते हैं तो एग्जिट लोड शुल्क (Exit Load Charge) लगाया जाता है। आमतौर पर म्युचुअल फंड स्कीम्स जल्दी बाहर निकलने पर या एक निर्धारित समय से पहले फंड से बाहर निकलने पर Exit Load Charge करती हैं। अगर आप निर्धारित समय के लिए निवेशित रहते हैं तो Exit Load से बच सकते है।

एग्जिट लोड की विशेषताएं | Features of Exit Load in Hindi

Exit Load in Hindi: म्यूचुअल फंड स्कीम में एग्जिट लोड के कुछ सबसे महत्वपूर्ण विशेताएं यहां दी गई है।

  • लोड को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, यह एग्जिट वैल्यू का अधिकतम 7% तक हो सकता है।
  • स्कीम इंफॉर्मशन डॉक्यूमेंट में Exit Load का चार्ज और इसके कंडीशन के बारे में उल्लेख किया जाता है।
  • रिडेम्पशन प्रोसेस में ही Exit Load Charges लगाए जाते है। यानी जो राशि आपको म्युचुअल फंड यूनिट्स को भुनाने पर प्राप्त होती है, सिर्फ उसी पर एग्जिट लोड चार्ज लगता है।
  • एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) आपके खाते में रिडेम्पशन मनी जमा करने से पहले Exit Load काट लेती है।
  • सभी Mutual Fund Schemes पर Exit Load नहीं होता है। कुछ स्कीम मुफ्त निकास की अनुमति देती हैं।
  • शॉर्ट टर्म डेट फंड, जैसे लिक्विड फंड और ओवरनाइट फंड, आमतौर पर कोई Exit Load नहीं लगाते हैं। हालांकि हाल ही में जारी एक निर्देश में अगर आप निवेश के पहले 7 दिनों के अंदर बाहर निकलते हैं, तो लिक्विड म्यूचुअल फंड एक अलग एग्जिट लोड चार्ज करेंगे।
  • आमतौर पर Equity Mutual Fund में अधिक Exit Load Charge होता है।

एक्जिट लोड की गणना कैसे करें? | Calculation of Exit Load in Mutual Fund

Exit Load in Hindi: जैसा कि पहले ही बताया गया, जब आप म्यूचुअल फंड स्कीम से बाहर निकलते हैं तो एक्जिट लोड (Exit Load) लगाया जाता है। यहां बताया गया है कि इसकी गणना कैसे की जाती है।

एक्ज़िट लोड की राशि = रिडेम्पशन आय x एक्ज़िट लोड दर

Amount of exit load = Redemption proceeds x exit load rate

जो भी एग्जिट लोड चार्ज होता है वह रिडेम्पशन मनी से काटकर इन्वेस्टर को पेमेंट कर दिया जाता है। चलिए अब उदाहरण से समझते है कि एक्जिट लोड की गणना कैसे करें।

मान लीजिए कि एक Mutual Fund Scheme निवेश के एक साल के भीतर बाहर निकलने पर 2% का एक्जिट लोड लगाती है। आपने उस योजना में 1 लाख रुपये का निवेश किया जिसका NAV 20 रुपये था जिससे 5,000 यूनिट प्राप्त हुई। आपने जून 2021 में इस योजना में निवेश किया था।

अब दिसंबर 2021 में, आप योजना से बाहर निकलने का फैसला करते हैं जब एनएवी 25 रुपये है। चूंकि आप एक साल के भीतर बाहर निकल रहे हैं तो Exit Load Charge लागू होगा। इसकी गणना इस प्रकार की जाएगी:

बाहर निकलने की डेट के अनुसार NAV - 25 रुपए

यूनिटों की संख्या - 5,000

Exit Load - 2%

एग्जिट लोड की राशि - 25 x 5,000 x 2% = Rs 2500

प्राप्त हुई रिडेम्पशन वैल्यू - (25 x 5,000) – 2500 = Rs 1,22,500

अगर आप म्यूचुअल फंड स्कीम में SIP मोड चुनते हैं, तो एग्जिट लोड की गणना करते समय प्रत्येक किस्त की अवधि पर विचार किया जाता है।

एक्जिट लोड क्यों लगाया जाता है? | Why is there an exit load?

एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा निवेशकों पर छोटी अवधि के भीतर स्कीम से बाहर निकलने पर Exit Load लगाया जाता है। जब निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेशित रहते हैं तो यह फंड मैनेजर को Asset Allocation के लिए अधिक समय और सुरक्षा प्रदान करता है। फंड मैनेजर उन सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट कर सकता है जिनमें अधिक रिटर्न लंबी अवधि के दौरान मिल सकता है। जल्दी एग्जिट कर जानें से रिटर्न पर असर पड़ता है।

ऐसे फंड में जहां कोई Exit Load नहीं होता है, फंड मैनेजर जानते हैं कि निवेशक अपने निवेश को कभी भी भुना सकते हैं। ऐसे में वे रिडेम्पशन प्रेशर को पूरा करने के लिए पोर्टफोलियो में पर्याप्त तरलता बनाए रखने की कोशिश करते हैं। इसके विपरीत अगर फंड पर Exit Load होता है, तो फंड मैनेजर को पता होता है कि रिडेम्पशन का दबाव सीमित हो सकता है। इसलिए वे वे पोर्टफोलियो में तरलता के अनुपात को सीमित कर सकते हैं और धन का उपयोग रिटर्न प्राप्त करने के लिए सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार योजना के रिटर्न पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

किसी स्कीम में निवेश से पहले समझें कि इस स्कीम में Exit Load Kya Hai? अलग-अलग स्कीमों के तहत एग्जिट लोड देखें और कम एग्जिट लोड या ऐसी दर चुनें, जिसमें आप सहज हों। म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते समय अपना रिसर्च करें ताकि आप उन रिटर्न को अधिकतम कर सकें जो आप उनसे कमा सकते हैं।

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