

Credit Card Statement: क्रेडिट कार्ड लंबे समय से एक ऐसे साधन के रूप में जाने जाते हैं जो अपने होल्डर्स को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। बैंक या वित्तीय संस्थान अपने यूजर के खर्चों को पूरा करने के लिए क्रेडिट देते है जिसका पेमेंट यूजर को महीने के अंत में यह EMI के रूप में करना होता है।
भले ही क्रेडिट कार्ड जरूरत के समय को वीत्तीय रूप से सहायता प्रदान करता है लेकिन कभी कभी यह जोखिम भरे वित्तीय साधनों में से एक बन सकते हैं। प्रत्येक बिलिंग चक्र पूरा होने के बाद, क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को पिछले महीने की क्रेडिट राशि चुकानी होती है। अगर कोई यूजर दी टाइम पीरियड के अंदर ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे बकाया राशि पर उच्च ब्याज देना होगा। इसके अलावा कोई यूजर लंबे समय तक ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और क्रेडिट कार्ड को डीएक्टिवेट किया जा सकता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर होने के से बचने के लिए अपने सभी क्रेडिट कार्ड ड्यू का समय पर पेमेंट करना जरूरी है।
अब, सवाल यह है कि आप अपने मंथली क्रेडिट कार्ड बिलों की जांच कैसे कर पाएंगे और आप अपने खर्चों को कैसे ट्रैक कर सकते हैं? तो इसका उत्तर 'क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट' (Credit Card Statement) है।
Credit Card Statement Kya Hai? | What is Credit Card Statement in Hindi
Credit Card Statement in Hindi: क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट मूल रूप से एक बिलिंग डॉक्यूमेंट होता है जिसमें क्रेडिट कार्ड होल्डर की सभी परचेस, पेमेंट, क्रेडिट और डेबिट ट्रांजेक्शन का विवरण होता है। ये स्टेटमेंट यूजर को निश्चित अंतराल पर जारी किए जाते हैं। Credit Card Statement सभी आवश्यक जानकारी को पूरी डिटेल में प्रोवाइड करने के लिए जाने जाते हैं। क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में कार्ड होल्डर के लिए सभी आवश्यक जानकारी होती है, इसलिए पिछले बिलिंग साईकल के दौरान किए गए खर्चों का विस्तृत ट्रैक रखने के लिए डिटेल को अच्छी तरह से पढ़ना जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में क्या जानकारी होती है? | What information does a credit card statement contain?
एक क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में निम्नलिखित जानकारी पूरी डिटेल के साथ है-
- ऊपर लेफ्ट कार्नर में नाम, मेल एड्रेस और घर का पता होता है।
- क्रेडिट कार्ड धारक का नाम होता है, जिसके साथ पेमेंट ड्यू डेट, टोटल बकाया, मिनीमन अमाउंट ड्यू, क्रेडिट लिमिट, अवेलेबल क्रेडिट लिमिट, अवेलेबल कैश लिमिट लिखी होती है।
- इसके बाद एकाउंट समरी लिखी होती है जिसमें ओपनिंग बैलेंस पेमेंट/क्रेडिट परचेस/डेबिट फाइनेंस चार्जेस टोटल ड्यूस लिखा होता है।
- अगर पास्ट ड्यू है तो ओवरलिमिट, 3 महीने+, 2 महीने+, 1 महीना, करंट ड्यूं और मिनीमन अमाउंट ड्यूं लिखा होता है।
- इसके बाद डेमेस्टिफ ट्रांजेक्शन (घरेलू लेनदेन) की डिटेल होती है, जिसमें डेट, ट्रांजेक्शन डिस्क्रिप्शन और अमाउंट लिखा होता है।
- स्टेटमेंट में रिवॉर्ड पॉइंट समरी भी लिखी होती है, जिसमें ओपनिंग बैलंस, अर्जित पॉइंट और क्लोजिंग बैलेंस डिटेल होता है।
- आपके क्रेडिट कार्ड पर क्या ऑफ़र है यह भी लिखा होता है।
- इसके आलवा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी होती है।
महत्वपूर्ण टर्म जो आपको जरूर समझना चाहिए -
आइए एक नजर डालते हैं और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के अर्थ समझते हैं-
- पेमेंट ड्यूं डेट (Payment Due Date)
सभी क्रेडिट कार्ड होल्डर एक निश्चित समय अवधि के अंदर बकाया राशि का निपटान करने के लिए बाध्य है जो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा पहले से तय किया जाता है। बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के पेमेंट करने की अंतिम तिथि को पेमेंट ड्यूं डेट कहा जाता है।
- मिनीमन अमाउंट ड्यूं (Minimum Amount Due)
अगर क्रेडिट कार्ड होल्डर के लिए एक बार में पेमेंट करने के लिए अमाउंट पेमेंट भारी हो जाती है, तो वह कुल बकाया राशि के एक हिस्से का भुगतान कर सकता है। टोटल बिल में से यह मिनीमन अमाउंट जिसे अनिवार्य रूप से पे किया जाना चाहिए उसे ही मिनीमन अमाउंट ड्यूं कहा जाता है। ध्यान रहे कि ऐसे मामलों में क्रेडिट कार्ड होल्डर को ड्यूं बैलेंस पर एक्स्ट्रा इंटरेस्ट देना होगा लेकिन उसका लेट फी चार्जेस माफ कर दिया जाएगा।
- क्रेडिट लिमिट (Credit Limit)
क्रेडिट लिमिट से तात्पर्य उस अधिकतम राशि से है जो एक क्रेडिट कार्ड होल्डर क्रेडिट कार्ड पर खर्च कर सकता है। क्रेडिट कार्ड होल्डर की मासिक आय, क्रेडिट योग्यता इत्यादि जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट लिमिट निर्धारित की जाती है।
- करंट आउटस्टैंडिंग बैलेंस (Current Outstanding Balance)
यह ऐसी राशि होती है जिसे क्रेडिट कार्ड होल्डर बैंक को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। इस कुल राशि को वर्तमान बकाया राशि (Current Outstanding Balance) कहा जाता है। बकाया राशि की गणना क्रेडिट कार्ड पर यूजर के पिछले महीने के खर्च के आधार पर की जाती है।
- बिलिंग साईकल (Billing Cycle)
किसी विशेष क्रेडिट कार्ड के दो अलग-अलग बिल जारी करने के बीच के टाइम पीरियड को क्रेडिट कार्ड बिलिंग साईकल को प्रेजेंट करता है। बिलिंग साईकल क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाता है और 20 से 45 दिनों के बीच बदलता रहता है।
- ट्रांजेक्शन हिस्ट्री (Transaction History)
जैसा कि शब्द से ही पता चलता है कि ट्रांजेक्शन हिस्ट्री क्रेडिट कार्ड होल्डर के सभी ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड है। ट्रांजेक्शन हिस्ट्री मूल रूप से सभी लेन-देन का एक विस्तृत रिकॉर्ड है और इसे क्रेडिट कार्ड होल्डर द्वारा किसी भी समय एक्सेस किया जा सकता है।
- रिवार्ड्स एंड रेबट्स (Rewards and Rebates)
क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को ट्रांजेक्शन के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर रिवॉर्ड पॉइंट अर्जित करने का मौका मिलता है। इन रिवॉर्ड पॉइंट्स का उपयोग क्रेडिट कार्ड होल्डर बैंक से कुछ आकर्षक गिफ्ट या वाउचर प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट क्यों है जरूरी? | Why is a credit card statement important?
इस पूरे लेख के माध्यम से आपने जाना Credit Card Statement Kya Hai? अब यह सवाल उठता है कि आपके क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन हिस्ट्री की जांच करना वास्तव में इतना महत्वपूर्ण क्यों है। निम्नलिखित कारण आपके उत्तर हैं-
- Credit Card Statement आपके मंथली एक्सपेंस खर्चों का एक विस्तृत डिटेल है। इन खर्चों से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपने अनावश्यक पैसा कहां खर्च किया है और आप कहां से पैसा बचा सकते हैं। इसके चलते आप अपना मंथली बजट बेहतर तरीके से बना सकते है।
- यूजर अपने घर में आराम करते हुए बड़ी ही आसानी से अपने मंथली एक्सपेंस का डिटेल प्राप्त कर सकता है।
- क्रेडिट कार्ड डिटेल बिना किसी शुल्क के उपलब्ध हैं, इसलिए इसे प्राप्त करने में आपको कोई नुकसान नहीं होता है।
- क्रेडिट कार्ड डिटेल आपके बैंक द्वारा प्रदान किए गए नए प्रोडक्ट्स और सर्विस के बारे में अतिरिक्त जानकारी देते करते हैं।
- यूजर क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट के माध्यम से अपने बैंकों द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए रिवॉर्ड और डिस्काउंट पर नज़र रख सकते हैं और उनसे कमा सकते हैं।
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