
सिर्फ 6 सेकेंड में हैक हो सकता है आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड, जानिए धोखाधड़ी से कैसे करें बचाएं?

इन दिनों पूरी दुनिया के अधिकांश लोग इंटरनेट पर इंटरनेट पर निर्भर हो चुके है। वित्तीय लेनदेन के लिए अब इंटरनेट का ही सहारा लिया जाता है। ऐसे में आपके पैसों को हैकर्स की नजर लगाना भी स्वाभाविक है। NordVPN ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि कंप्यूटर का उपयोग करके, एक एवरेज पेमेंट कार्ड को केवल 6 सेकंड में हैक किया जा सकता है।
NordVPN ने इस सर्वे इए लिए 140 देशों के चार मिलियन पेमेंट कार्डों का विश्लेषण किया है, जिसमें कार्ड को हैक करने के लिए 'Brute force' को सबसे आम तरीका पाया गया। इस प्रकार का फ्रॉड अविश्वसनीय रूप से तेज होता है और इसे कुछ ही सेकंड में अंजाम दिया जा सकता है।
NordVPN के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मारिजस ब्रीडिस ने बताया कि कार्ड में मौजूद पहले 6-8 अंक कार्ड जारीकर्ता की आईडी संख्या हैं। इससे हैकर्स को अनुमान लगाने के लिए 7-9 नंबर मिलते हैं क्योंकि 16 वां अंक एक चेकसम है और इसका उपयोग केवल यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि नंबर दर्ज करते समय कोई गलती हुई थी या नहीं। कंप्यूटर का उपयोग करते हुए, इस तरह के हमले में केवल छह सेकंड लग सकते हैं।
ब्रीडिस ने बताया कि फ्रॉडर्स को कार्ड हैक करने के लिए केवल 7 अंकों की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें वह नंबर का हेरफेर करते है और ऐसा करने के लिए केवल 6 सेकंड पर्याप्त होंगे।
डेबिट, क्रेडिट कार्ड यूजर्स बचाव के लिए क्या करें?
ब्रीडिस ने बताया कि यूजर को संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने मंथली डिटेल की समीक्षा करनी चाहिए और आपके बैंक से सिक्योरिटी नोटिफिकेश पर ध्यान देना चाहिए। ब्रीडिस ने यह भी बताया कि जिस बैंक में पेमेंट कार्ड सर जुड़ा हो, उस खाते में थोड़े पैसे ही रखें। कुछ बैंक वर्चुअल कार्ड भी प्रदान करते हैं जिनका आप उपयोग सुरक्षित लेनदेन के लिए किया जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय समय पर फ्रॉड एक्टिविटी में वृद्धि के खिलाफ जनता को चेतावनी देता रहता है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कह चुका है कि लोगों को कुछ पर्सनल डिटेल जैसे लॉगिन जानकारी, कार्ड डिटेल, पिन नंबर या यहां तक कि वन-टाइम पासवर्ड शेयर नहीं करना चाहिए।
RBI की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है, 'केवाईसी अपडेशन के नाम पर होने वाले फ्रॉड से आरबीआई आगाह करता है। एक बयान में RBI ने यह भी कहा, "ऐसे मामलों में सामान्य तौर-तरीकों में ग्राहक द्वारा कुछ पर्सनल डिटेल, एकाउंट लॉजिन, एसएमएस, ईमेल आदि की प्राप्ति शामिल है।
एक बार जब ग्राहक कॉल या मैसेज पर जानकारी साझा करता है, तो जालसाज ग्राहक के खाते तक पहुंच जाते हैं और उनके बैंक एकाउंट के सेंध लगा देते हैं।
RBI ने साफ तौर पर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोई भी बैंक यूजर एकाउंट लॉजिन डिटेल, पर्सनल डिटेल, केवाईसी डॉक्यूमेंट की कॉपी, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी आदि को अज्ञात व्यक्तियों या एजेंसियों के साथ साझा न करें।
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