
बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना चाहते है तो इन 8 बातों का जरूर रखें ध्यान, बाद में नहीं होगा अफसोस

भारत में बढ़ते मेडिकल खर्चों की वजह से लोगों की जेब पर भी अतरिक्त बोझ बढ़ रहा है। इसीलिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Health Insurance Policy) होना बेहद ही जरूर हो चुका है। यह स्वास्थ्य घटना के वक्त यह आपके परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। इन दिनों बाजार में हेल्थ इंश्योरेंस के लिए कई कंपनियां है जो कई प्रकार के बेनिफिट्स देती है। लेकिन बहुत ही लोग Best Health Insurance Policy चुनने में भ्रमित हो जाते है।
लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, यहां हमको कुछ खास बातें बता रहे है जिनका अनुसरण आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले करना होगा। हमारे द्वारा बताई गई 8 बाते आपको सबसे बढ़िया हेल्थ इंश्योरेंस चुनने में मदद करेगी।
1. पॉलिसी खरीदते वक़्त आयु पर ध्यान दें
किसी योजना को चुनते समय परिवार के उन सदस्यों की आयु को ध्यान में रखें जिनका बीमा कराना आवश्यक है। उदाहरण के लिए फैमिली फ्लोटर प्लान में पॉलिसी की प्रीमियम दर परिवार के सबसे बड़े सदस्य की उम्र पर निर्भर करती है।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय एज लिमिट क्राइटेरिया की जांच जरूर करें। कुछ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां न्यूनतम प्रवेश आयु 90 दिनों से अधिकतम 60 वर्ष तक प्रदान करती हैं, जबकि अन्य न्यूनतम प्रवेश आयु 25 वर्ष से अधिकतम 50 वर्ष प्रदान करती हैं।
2. वेटिंग पेरिपड क्लॉज पर ध्यान दें
पहले से मौजूद बीमारियों के संबंध में प्रत्येक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के अपने नियम और शर्तें होती हैं। इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति को हेल्थ पालिसी खरीदने से पहले कोई बीमारी है, तो उस बीमारी के इलाज के लिए दायर किया गया दावा बीमा कंपनी द्वारा वेटिंग पीरियड पूरी होने के बाद स्वीकार किया जाएगा।
ज्यादातर पॉलिसियों में वेटिंग पेरिपड 2-4 वर्ष के बीच होती है। हालांकि मेडिक्लेम पॉलिसियों की प्रतीक्षा अवधि कम होती है। इसलिए उन प्लान्स के लिए जाने की सलाह दी जाती है जो वेटिंग पीरियड वाली होती है।
3. कैशलेस स्वास्थ्य बीमा का विकल्प चुने
हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस लोकप्रिय हो रहा है। कैशलेस स्वास्थ्य बीमा के लिए बीमा कंपनियां नेटवर्क अस्पतालों के साथ बिलों का निपटान करते हैं। इस प्रकार यह सलाह दी जाती है कि एक व्यक्ति एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश करता है जो नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस उपचार का लाभ प्रदान करती है। कैशलेस उपचार की सुविधा विशेष रूप से तब बहुत उपयोगी होती है जब आपात स्थिति में किसी के पास नकदी नहीं होती है। इसके अलावा यह एक व्यक्ति को उस कठिन कागजी कार्रवाई से बचाता है जो क्लेम के समय आवश्यक है।
4. मैटरनिटी कवरेज होना जरूरी
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों द्वारा दिए जाने वाले मैटरनिटी बेनिफिट्स को इग्नोर करना पॉलिसी खरीदारों द्वारा की जाने वाली एक सामान्य गलती है। डिलीवरी की दौरान होने वाले खर्चों की भरपाई के लिए ऐसे पॉलिसी का चुनाव करें जो मैटरनिटी कवरेज देती हो। बता दें कि मैटरनिटी एक्सपेंस के साथ स्वास्थ्य बीमा 2-4 साल के वेटिंग पीरियड के साथ आता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति शादी के साल बाद फैमिली प्लानिंग कर रहा है तो उसे शादी के वक्त ही यह प्लान ले लेना चाहिये, क्योंकि शादी के 2 साल बाद वेटिंग पीरियड ओवर हो जाएगा।
5. नो क्लेम बोनस पर भी ध्यान दें
यदि पॉलिसीधारक एक साल तक मेडिकल एक्सपेंस के लिए क्लेम नहीं करता है तो बीमा कंपनी प्रीमियम छूट के रूप में पॉलिसीधारक को नो-क्लेम बोनस प्रदान करती है। यदि कोई व्यक्ति पॉलिसी के लगातार कार्यकाल के लिए क्लेम नहीं करता है तो वह प्रीमियम राशि पर 50% तक की छूट का आनंद ले सकता है। इसके अलावा कुछ बीमाकर्ता प्रत्येक क्लेम फ्री वर्ष के लिए पॉलिसी की मूल राशि में वृद्धि की पेशकश भी करते हैं। इससे न केवल बीमा धारक को लाभ होता है बल्कि उनकी बचत में भी वृद्धि होती है। इसलिए ऐसा प्लान चुने जिसमें नो क्लेम बोनस मिलता हो।
6. क्लेम सेटलमेंट रेश्यो को देखें
किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR) एक बीमा कंपनी द्वारा प्रति वर्ष प्राप्त होने वाले क्लेम की कुल संख्या पर कुल क्लेम का सेटलमेंट करता है। किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना अधिक होता है, वह उतना ही विश्वसनीय होता है। इस प्रकार बीमा खरीदार एक ऐसे बीमाकर्ता को चुनने की सलाह देते हैं जिसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो अधिक हो।
7. चेक करें को-पेमेंट क्लॉज
बहुत से लोगों को इस शब्द को समझना मुश्किल लगता है और पॉलिसी खरीदते समय इसे अनदेखा कर देते हैं। को-पेमेंट क्लॉज एक समझौता है, जहां बीमाधारक अस्पताल में भर्ती होने के मामले में क्लेम अमाउंट का एक निश्चित प्रतिशत भुगतान करने के लिए सहमत होता है और शेष क्लेम एकाउंट का भुगतान बीमाकर्ता द्वारा किया जाता है। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले जांच लें कि क्या कोई को-पेमेंट क्लॉज लागू है जो क्लेम अमाउंट को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, ज्यादातर हेल्थ पॉलिसियों में उन बीमाधारकों के लिए एक को-पेमेंट क्लॉज होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या जिन्होंने एक निश्चित आयु सीमा पार कर ली है।
8. प्रीमियम की तुलना जरूर करें
भारत में बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय यह सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। जैसा कि बाजार में हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है, सुविधाओं, लाभों, प्रीमियम दरों, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आदि के की तुलना जरूर करें। कई स्कीम्स की ऑनलाइन तुलना करके आप भी एक बढ़िया हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते है।
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