
जॉब की शुरुआत होते ही इन 5 चीजों की करें प्लानिंग, पैसों की नहीं होगी किल्लत, फ्यूचर होगा सेफ

पहली सैलेरी मिलना किसी भी युवा के खास पलों में से एक होता है। ज्यादातर लोग अपनी पहली कमाई को परिवार के सदस्यों को गिफ्ट देने के लिए खर्च करते है। शुरुआत में युवा अपनी सैलेरी से बचत के बारे में सोचते भी नहीं है। हालांकि सलाह दी जाती है कि कमाई शुरू करने के अधिकतम 4 या 5 महीनों बाद फ्यूचर प्लान के बारे में भी सोचना चाहिए। युवाओं को रिटायरमेंट फंड और अन्य गोल को पूरा करने के लिए निवेश पर ध्यान देना चाहिए। हम यहां आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे है जिसे आप अपनाकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते है।
1. एजुकेशन लोन क्लियर करें
अगर आपने पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो नौकरी की शुरुआत करते ही सबसे पहले एजुकेशन लोन को चुकाएं। ज्यादातर युवा एजुकेशन लोन को चुकाने में देरी करते है। शिक्षा ऋण पर सेक्शन 80ई के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, जिस वजह से ब्याज भी कम लगता है। लेकिन कर्ज का बोझ जितनी जल्दी उतर जाएं उतना अच्छा है। एजुकेशन लोन क्लियर करने के बाद आप अन्य वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्लान बना सकते हैं।
2. रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग
रिटायरमेंट सबसे अंतिम चीज होती है, अक्सर लोग यही सोचकर रिटायरमेंट प्लान के लिए देरी करते है, लेकिन इसे नजरअंदाज न करें। आप रिटायरमेंट के लिए जितना पहले निवेश करना शुरू करेंगे आप रिटायरमेंट के बाद बड़ा फंड बना सकते है। हर महीने आप छोटी राशि से निवेश करके एक बड़ा फंड बना सकते है। इसके लिए आप PPF जैसे योजना का सहारा ले सकते है।
3. इक्विटी फंड में करें निवेश
इक्विटी फंड को निवेश के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है, क्योंकि बैंक डिपाजिट की तुलना में इसमें अधिक ब्याज मिलता है। यह फ्लेक्सिबल भी होता है। आप SIP के जरिए इक्विटी फंड में हर महीने छोटी राशि जमा करके बड़ा फंड बना सकते है। आप अपने सैलेरी के आधार पर SIP की राशि को बड़ा घटा भी सकते है। इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में रिस्क भी कम होता है, क्योंकि प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स मार्केट एनालिसिस करके पैसों का निवेश करते है।
4. बीमा जरूर करवाएं
शादी के बाद आप पर परिवार की अधिक जिम्मेदारी होती है। इसलिए 30 साल की आयु के बाद बीमा लेने में देरी न करें। टर्म प्लान के साथ हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लें। पर्याप्त बीमा जीवन में बहुत जरूरी है। इसे अपने अहम खर्चों में शामिल करें। यह आपके साथ आपके परिवार को वित्तीय संकट से सुरक्षा कवच प्रदान करेगा।
5. इमरजेंसी फंड भी जरूरी
दुर्घटना कभी बोलकर नहीं आती है, वैसे भी कोविड महामारी ने यह सीखा दिया हैं कि आपातकालीन कोष (Emergency Fund) आपके पास होना चाहिए। बेरोजगारी के चलते नौकरी छूटने या मेडिकल स्थितिया उत्पन्न होने पर इमरजेंसी फंड आपको आर्थिक सहायता पहुंचाता है। एक्सपर्ट्स कहते है कि इमरजेंसी फंड इतना होना चाहिए कि आप आपात स्थिती में 6 महीने तक का खर्चा संभाल सकें।
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