
हेल्थ इंश्योरेंस में आप खरीदना चाहते है Maternity Cover, तो पहले आपको जाननी चाहिए ये 7 बातें

Maternity Cover in Health Insurance: एक बच्चे के लिए योजना बनाना, जीवन के सबसे सुखद पलों में से एक है। हालांकि परिवार के किसी नए सदस्य के आने का मतलब है अतिरिक्त खर्चों का बढ़ना। वहीं बच्चों के जन्म की लागत कई लोगों के वित्तीय बजट को हिला सकती है। ऐसे में बेबी प्लानिंग करने से पहले पर्याप्त मैटरनिटी कवर के साथ सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में निवेश करके आप अपने वित्तीय बोझ को काफी हद तक कम कर सकते है।
मैटरनिटी बेनिफिट्स मोटे तौर पर ऐड-ऑन कवर्स के माध्यम से पेश किए जाते हैं, यानी बेस हेल्थ पॉलिसी में वैकल्पिक राइडर्स के साथ अतिरिक्त प्रीमियम देना होता है। ये बेनिफिट विभिन्न बीमाकर्ताओं के लिए अलग-अलग फीचर और कंडीशन के कॉम्बिनेशन में उपलब्ध हैं।
यहां हम ऐसे 7 प्रमुख फीचर के बारे में बता रहे है जो मैटरनिटी कवरेज के साथ हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले पता होनी चाहिए।
1) वेटिंग पीरियड
भारत में अधिकांश बीमा कंपनियों को Maternity Coverage पर वेटिंग पीरियड की आवश्यकता होती है जो नौ महीने से लेकर चार साल तक हो सकती है। इसका मतलब है कि एक जारी गर्भावस्था को एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कवर द्वारा कवर नहीं किया जाएगा। यहां तक कि अगर होने वाली मां का ग्रुप मेडिकल कवर के तहत बीमा किया जाता है, तो यह वेरिफाई करना महत्वपूर्ण है कि क्या मैटरनिटी बिल्कुल कवर किया गया है, और क्या कवरेज एक दिन से प्रभावी है। अगर नहीं, तो दम्पति को मैटरनिटी बेनिफिट के साथ एक पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस कवर में निवेश करने पर विचार करना चाहिए, ताकि मेडिकल एक्सपेंस को कम किया जा सके, और मैटरनिटी कवरेज का बेनिफिट उठाने के लिए समय पर लागू वेटिंग पीरियड को आराम से पूरा किया जा सके।
2) प्री एंड पोस्ट पार्टन केयर
चुने हुए विकल्प में डिलीवरी से पहले और डिलीवरी के बाद की देखभाल से संबंधित खर्च के लिए आदर्श रूप से प्रावधान होना चाहिए। कुछ बीमाकर्ता निर्दिष्ट दिनों तक ऐसे लाभ प्रदान करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मैटरनिटी राइडर्स वाले सभी प्लान ऐसी सुविधाएं प्रदान नहीं करते हैं। भविष्य में किसी भी क्लेम को अस्वीकार करने से बचने के लिए शॉर्टलिस्ट की गई योजना के भीतर इन खर्चों को शामिल करने के लिए क्रॉस-वेरिफिकेशन करना समझदारी होगी।
3) डिलीवरी चार्ज एंड रूम कैटेगरी
नार्मल या सिजेरियन डिलीवरी से संबंधित डिलीवरी चार्ज चिकित्सा प्रक्रियाओं को मैटरनिटी कवरेज में शामिल किया जाना चाहिए, सम एश्योर्ड योजना की बीमित राशि तक। इसके अलावा, नई मां को अस्पताल में कमरे (सिंगल AC या सुइट) तक पहुंच होनी चाहिए, ताकि वह आराम से ठीक हो सके।
4) सब- लिमिट
मैटरनिटी एक्सपेंस से संबंधित कवरेज अमाउंट पहले से निर्धारित राशि से लेकर कुल बीमित राशि के प्रतिशत तक भिन्न हो सकती है। कुछ योजनाओं में पॉलिसी शर्तों के धीन यह पूरी बीमा राशि तक हो सकती है। कुछ बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों को मामूली अतिरिक्त प्रीमियम के लिए अपेक्षित मैटरनिटी कवरेज राशि पर निर्णय लेने की छूट देते हैं।
5) बहिष्करण
गर्भावस्था के कुछ पहलुओं, जैसे जानबूझकर समाप्ति (Deliberate terminations), जब तक कि चिकित्सकीय सलाह न दी जाए, अस्थानिक गर्भधारण, सहायक प्रजनन उपचार (जैसे आईवीएफ) आदि को मातृत्व कवरेज से हटाया जा सकता है। सभी बारीकियों की पूरी समझ सुनिश्चित करने के लिए मैटरनिटी कवरेज से जुड़े नियमों और शर्तों को पढ़ना महत्वपूर्ण है।
6) अन्य नियम और शर्तें
किसी को नियमों और शर्तों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि प्रसव की संख्या (कुछ बीमाकर्ता जीवनकाल के दौरान अधिकतम दो प्रसव की अनुमति देते हैं), मां की अधिकतम आयु (कुछ योजनाएं 45 वर्ष ही कवर करती हैं)। कुछ बीमाकर्ता इस बात पर जोर देते हैं कि जीवनसाथी को भी उसी फ्लोटर योजना के तहत कवर किया जाना चाहिए।
7) नवजात शिशु के लिए कवरेज
मैटरनिटी बेनिफिट वाली सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं डिफ़ॉल्ट रूप से नवजात शिशु को कवर नहीं करती हैं। बीमाकर्ता और चयनित योजना के आधार पर, नवजात शिशु को स्वचालित रूप से मां के बीमा कवरेज में शामिल किया जा सकता है। या, बच्चे को जन्म के बाद केवल 90 दिनों तक ही शामिल किया जा सकता है, जिसके बाद अतिरिक्त प्रीमियम के लिए बच्चे का बीमा कराना होगा। इसके अलावा, कवरेज राशि एक प्रतिबंधित राशि तक हो सकती है।
Maternity Benefit के लिए सही ऐड-ऑन कवर का निर्णय नियम और शर्तों के सावधानीपूर्वक अध्ययन के आधार पर किया जाना चाहिए। विभिन्न योजनाओं की तुलना करें और अपने लिए सबसे उपयुक्त चुनें।
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