
इमरजेंसी में आपको हैं पैसों की जरूरत? तो ये 5 तरह के 'शॉर्ट टर्म लोन' आपके लिए रहेंगे सबसे बेहतर

कोई भी इंसान हो उसे कभी न कभी अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में हम अपने दोस्त या सगे संबंधियों से पैसों उधार में शर्मा महसूस करते है। तो ऐसे में क्या किया जाए? ये प्रश्न आपके सामने खड़ा हो जाता है। तो अगर आप छोटे कारोबारी है तो ऐसे में 'शॉर्ट-टर्म लोन' (Short Term Loan) आपके लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है। अब Short Term Loan Kya Hota hai? ये आपको नहीं पता तो वो भी आपको समझा देते है
Short Term Loan एक तरह का पर्सनल लोन ही है, लेकिन इनकी अवधि एक साल से कम की होती है। हालांकि इनपर इंट्रेस्ट अधिक देना पड़ता है। शार्ट टर्म लोन में सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती। बैंक आपके सिबिल स्कोर के आधार पर यह लोन देती है। आप अपने क्रेडिट कार्ड, बांड्स या फिर बिजनेस के हिसाब से शार्ट टर्म लोन ले सकते है। देश में ऐसे ही कुछ शॉर्ट-टर्म लोन मौजूद हैं, जिसमें से हम आपको 5 शार्ट टर्म लोन से रूबरू करा रहे हैं।
1. PERSONAL LOAN
पर्सनल लोन बैंकों द्वारा दिया जाने वाला बेहद लोकप्रिय शॉर्ट-टर्म लोन है। इसके तहत, अधिकांश बैंक कम से कम 30,000 रुपये तक का लोन देते हैं। बैंक के सिक्योर्ड लोन की तुलना में इसका इंट्रेस्ट रेट अधिक होता है।
चूंकि इसकी ईएमआई (EMI) कर्जधारक (BORROWER) के वेतन के आधार पर तय होती है, इसलिए पेमेंट मिस होने का खतरा नहीं होता है।
2. Trade Credit
इसे मुख्य रूप से कैश क्रेडिट लोन कहा जाता है, यह एक शॉर्ट टर्म लोन है। जिसका उपयोग बिजनेस का वर्किंग कैपिटल मैनेज करने के लिए किया जाता है। यह लोन मूलतः ग्राहक के क्रेडिट यानी सिबिल स्कोर के आधार पर मिलता है।
इस वित्त सुविधा की खास बात यह है कि यह सिर्फ बैंको से ही मिलता है। एनबीएफसी से बिजनेस लोन मिलता है। कैश क्रेडिट लोन की ब्याज दर सभी बैंको की अलग अलग होती है। तथा यह समय समय पर बदलती रहती है।
3. BRIDGE LOAN
अगर किसी प्रॉपर्टी को खरीदनने के लिए आप लॉन्ग-टर्म होम लोन मिलने का इंतजार कर रहे हैं और इस बीच आपको उस प्रॉपर्टी के डाउनपेमेंट के लिए अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है तो इसके लिए ब्रिज लोन सबसे बढ़िया विकल्प है।
ब्रिज लोन या स्विंग लोन शॉर्ट टर्म लोन हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को पैसे की तत्काल जरूरत की समस्या का समाधान करना है। इसे 'गैप-फाइनैंसिंग' भी कहते हैं। हालांकि इसकी लोन प्रॉसेसिंग फी और इंट्रेस्ट रेट पारंपरिक लोन की तुलना में अधिक होता है।
4. Demand Loans
डिमांड लोन, जिसे अक्सर वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन (WCDL) कहा जाता है, ये लोन लेने के बाद आपको मूल रूप से बैंक की मांग पर लोन चुकाने के लिए तैयार रहना होता है। डिमांड लोन में, बैंक या लोन संस्थान अपेक्षाकृत कम अवधि में ग्राहक से लोन भुगतान की मांग कर सकते हैं।
इसके अलावा, ग्राहकों फोरक्लोज़र फीस दिए बिना कभी भी राशि चुकाने की स्वतंत्रता हैं। टर्म लोन के विपरीत जहां लोन एक निश्चित अवधि पर मंजूर किए जाते हैं और किस्त पर चुकौती की जाती है, डिमांड लोन शॉर्ट टर्म लोन का एक प्रकार है।
5. Bank Overdraft
एक ओवरड्राफ्ट एक उधार देने वाली संस्था से लोन का एक विस्तार है। जो एक खाते में शून्य तक पहुंचने पर दी जाती है। ओवरड्राफ्ट खाताधारक को तब भी पैसे निकालने जारी रखने की अनुमति देता है, जब खाते में कोई धनराशि न हो।
ओवरड्राफ्ट लोन सुविधा सेम बैंक में मिलता है। ओवरड्रॉफ्ट में व्यक्ति को उसके सेविंग अकाउंट पर ओवरड्रॉफ्ट लोन मिलता है। कुल लीमिट में से व्यक्ति जितना धन खर्च करता है, वह ब्याज भी खर्च राशि पर जमा करता है।
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