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Benefits of Equity Fund: आपको इक्विटी फंड में निवेश क्यों करना चाहिए? जानिए 10 बड़े फायदें

Ankit Singh
9 Feb 2022 5:20 AM GMT
Benefits of Equity Fund: आपको इक्विटी फंड में निवेश क्यों करना चाहिए? जानिए 10 बड़े फायदें
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Benefits of Equity Fund in Hindi: म्यूच्यूअल फंड में इन दिनों Equity Fund के निवेशक बढ़ते जा रहे है, क्योंकि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड सभी फंडों की तुलना में अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकता है। इसके क्या फायदें आइये जानते है।

Benefits of Equity Fund in Hindi: इक्विटी म्युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) एक जमा निवेश है जो अपने फंड का लगभग 65 प्रतिशत हिसा शेयर मार्केट में निवेश करता है। इसलिए Equity Fund को Stock Fund के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि इक्विटी फंड में डेट से फंड की तुलना में रिस्क ज्यादा है, लेकिन इसमें रिटर्न अधिक मिलता है। यही कारण है कि रिस्क लेने वाले निवेशक इक्विटी के तरह ज्यादा आकर्षित हो हो रहे। हालांकि म्यूच्यूअल फंड का ये फायदा है कि आपके एसेट की देखभाल प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स करते है जो रिस्क को डायवर्सिफाई कर देते है। तो इस लेख में समझते है कि Equity Fund ke Fayde (Benefits of Equity Fund in Hindi) क्या है? और आपको इक्विटी फंड में निवेश क्यों करना चाहिए।

इक्विटी फंड के लाभ | Benefits of Equity Fund in Hindi

Equity Fund Benefits: निवेशकों को मिलने वाले कई फायदों के कारण Equity Fund एक फायदेमंद इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन गया है। म्यूचुअल फंड के कई फायदें इसे एक लाभदायक निवेश मार्ग बनाते हैं। नीचे जानिए Equity Fund के 10 फायदें।

1. डायवर्सिफिकेशन

एक इन्वेस्टर्स एक समय में कुछ शेयरों में इन्वेस्ट कर सकता है लेकिन Equity Fund के साथ वह कई शेयरों में इन्वेस्ट कर सकता है। इक्विटी फंड कई तरह से डायवर्सिफिकेशन की पेशकश करते हैं। पहला ये कि वे कई शेयरों में इन्वेस्ट करते हैं, दूसरा वे विभिन्न सेक्टर्स में इन्वेस्ट करते हैं, और तीसरा ये कि वे अन्य एसेट क्लास में भी इन्वेस्ट करते हैं। एक इन्वेस्टर के रूप में आप कई पूंजीकरण और पैन सेक्टर्स के कंपनियों की इक्विटी में शेयर्स के मालिक हो सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आप सेक्टर्स के लाभ उठा सकते है, साथ ही फंड के डिस्ट्रीब्यूशन के साथ जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके अलावा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज और दूसरे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट पोर्टफोलियो को और डायवर्सिफाई करके रिस्क को बैलेंस कर देते है।

2. रिस्क बैलंस

डायवर्सिफिकेशन के कारण जहां फंड कॉर्पस विभिन्न शेयरों में समान रूप से फैला हुआ है, यह संबंधित लाभ और जोखिमों को भी फैलाता है। जब एक स्टॉक खराब प्रदर्शन करता है, तो दूसरा उठा सकता है। इसी तरह अगर एक सेक्टर गिर रहा है तो दूसरा पोर्टफोलियो को बैलंस कर सकता है जिससे होने वाला कुल नुकसान कम हो जाता है। Equity Mutual Fund स्टॉक और खास सेक्टर से होने वाले जोखिम को काफी हद तक कम कर देते हैं क्योंकि इन्वेस्टर्स किसी एक स्टॉक या इंडस्ट्री पर निर्भर नहीं होते है।

3. प्रोफेशनल मैनेजमेंट

Mutual Fund प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किये जाते है जिनके पास इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट में एक्सपीरियंस और विशेषज्ञता है। वे विभिन्न शेयरों और बाजार के रुझानों पर रिसर्च और एनालिसिस करते हैं और बेंचमार्क इंडेक्स को मात देने का लक्ष्य रखते हैं। उन्हें निवेशकों के लिए मार्केट इंडेक्स की तुलना में बेहतर रिटर्न देने का काम सौंपा जाता है। इसलिए जिस इन्वेस्टर्स के पास मार्केट को ट्रैक और एनालिसिस करने का समय नहीं है उन्हें म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।

4. धन बनाना

Equity Fund सभी प्रकार के इन्वेस्टमेंट में सबसे अधिक रिटर्न उत्पन्न करते हैं। उनके पास इंफ्लामेशन को मात देने वाले रिटर्न की पेशकश करने की क्षमता है जो निवेशकों को भविष्य में एक अच्छा फंड बनाने में मदद कर सकता है। लॉन्ग टर्म गोल वाले इन्वेस्टर्स को Equity Fund में निवेश करना चाहिए। भले ही Equity Fund झोखिम में शामिल है लेकिन अगर आप लांग टर्म के लिए निवेश करते है तो आपको रिटर्न अच्छा मिलता है।

5. कम लागत

Equity Fund निवेश करने की लागत बहुत ही कम है। आप छोटे निवेश के माध्यम से कई तरह की कंपनियों में शेयर होल्डर हो सकते हैं। हर कंपनी में स्टॉक खरीदना महंगा पड़ सकता था। इसलिए यह आपको कई कंपनियों में एक भागीदार निवेशक बनाकर इकॉनमी प्रदान करता है। साथ ही जैसे-जैसे फंड का आकार बढ़ता है, राशि को फंड की अधिक यूनिट्स में फैलाया जा सकता है, जिससे पर यूनिट कॉस्ट सस्ती हो जाती है।

इसके अलावा आप Equity Fund में एकमुश्त या SIP में मध्यम से किस्तों में पेमेंट कर सकते है। SIP के साथ आप कम से कम रु. 500 का मासिक भुगतान कर सकते हैं।

6. लिक्विडिटी

Equity Fund शेयरों की बिक्री और खरीद को अत्यधिक तरल बनाती है, निवेशक जब चाहें इक्विटी फंड यूनिट्स को आसानी से भुना सकते हैं। यूनिट्स को रिडीम करने के कुछ दिनों के अंदर आपके एकाउंट में पैसा जमा कर दिया जाता है। ये ओपन-एंडेड फंड हैं और इनमें इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELLS) को छोड़कर कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है। इसलिए Equity Mutual Fund टर्म डिपॉजिट के विपरीत लचीले और लिक्विडेट करने में आसान होते हैं।

7. डिविडेंड इनकम

डिविडेंड इनकम का मतलब है प्रॉफिट से होने वाला इनकम। Equity Fund के जरिए आप अपने प्रॉफिट को इनकम के रूप में प्राप्त कर सकते है। जब आप डिविडेंड स्कीम का ऑप्शन चुनते है तो आपको मंथली, क्वाटरली, 6 महीना या एक साल में लाभ के कुछ अंश को प्राप्त करने का मौका मिलता है। इक्विटी फंड से प्राप्त होने वाले लाभ को सभी इन्वेस्टर्स के बीच उनकी यूनिट होल्डिंग के अनुसार लागू शुल्क की कटौती के बाद डिवाइड किया जाता है। जो लोग डिविडेंड इनकम का विकल्प नहीं चुनते हैं, उनके लाभ को फिर से इन्वेस्ट किया जाता है।

याद रखें सभी स्कीम डिविडेंड इनकम के विकल्पों के साथ नहीं आती हैं, और पेमेंट अमाउंट की भी गारंटी नहीं होती है क्योंकि म्युचुअल फंड बाजार के प्रदर्शन के अधीन हैं, और डिविडेंड इनकम भी मार्केट के परफॉरमेंस पर निर्भर करता है।

8. कंपाउंडिंग की शक्ति

यह उन निवेशकों के लिए है जो डिविडेंड प्लान के बजाय ग्रोथ प्लान चुनते हैं। इसमें अर्जित ब्याज या लाभ का भुगतान नहीं किया जाता है, बल्कि अधिक यूनिट्स को खरीदने और उन्हें निवेशकों को एलोकेट करने के लिए फंड में फिर से इन्वेस्ट किया जाता है। यह स्ट्रेटेजी इंटरेस्ट इनकम के साथ अधिक यूनिट्स खरीदने और निवेशित पूंजी को बढ़ाने में मदद करती है। कंपाउंडिंग का मतलब है कि आप पिछले ब्याज पर ब्याज कमाते हैं और इसलिए आप लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड जमा कर सकते हैं।

9. सेबी द्वारा रेगुलेट

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) म्यूचुअल फंड के कामकाज के लिए गाइड लाइन निर्धारित करता है और सभी एसेट मनागमेंट कंपनीज (AMC) को उनका पालन करने का निर्देश देता है। एक सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) भी है जो SEBI की देखरेख में भी कार्य करता है। SEBI सभी फंड हाउसों से अपनी सभी म्यूचुअल फंड स्कीम्स के डिटेल जारी करने की मांग करता है। किसी भी फंड हाउस को नई म्यूच्यूअल फंड स्कीम जारी करने से पहले NAV, एक्सपेंस रेश्यो, फंड मैनेजर का नाम/योग्यताएं/अनुभव अन्य डिटेल SEBI को देने पड़ते है।

10. टैक्स में भी फायदा

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के लिए इक्विटी फंड पर 10% और शार्ट टर्म गेन के लिए 15% टैक्स लगाया जाता है। हालांकि वे 1 लाख रुपये तक टैक्स फ्री होता हैं। लांग टर्म के प्रॉफिट में 10% टैक्स तभी लागू होता है जब पूंजी से प्राप्त लाभ दी गई राशि से अधिक हो। साथ ही अगर जब आप ELLS का विकल्प चुनते हैं, तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए का टैक्स बेनिफिट मिलता है। ELLS एकमात्र टैक्स-सेविंग स्कीम है जिसमें अन्य टैक्स-सेवर स्कीमों के 5 साल की तुलना में केवल 3 साल की लॉक-इन पीरियड है। इसके अलावा जब आप डिविडेंड प्लान नहीं चुनते हैं, तो आप डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) पर बचत करते हैं।

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