

- कुछ वर्ष में टेलीविजन के मार्केट का बहुत बड़ा लाभ हुआ है।
- इस व्यवसाय में दर्शकों तक पहुंच के बारे में यह अपने साथ अन्य कई मार्केट से कम नहीं रह गया है।
- हर प्रकार के फिल्म का प्रमोशन टीवी के द्वारा समीक्षा हो रहा
कुछ वर्ष में टेलीविजन मार्केट का बहुत बड़ा लाभ हुआ है। इस व्यवसाय में दर्शकों तक पहुंच के बारे में यह अपने साथ अन्य कई मार्केट से कम नहीं रह गया है। क्यूंकि ये आज जरूरत बन गई है।जैसा हम देख सकते है कि हर प्रकार के फिल्म का प्रमोशन टीवी के द्वारा समीक्षा हो रहा है।आज देश के प्रत्येक स्टार टीवी पर अवसर खोजता रहता है। और इसका बेहद महत्वूर्ण कारण है टीवी की दर्शकों तक पहुंच जो अब बढ़कर ज्यादा हो चुका है।कम खर्च या बिना खर्चे के ही एक ही वक्त में टीवी लाखो के दर्शकों तक पहुंच सकता है ।जो प्रयास करने के बावजूद अन्य माध्यम से असंभव है। लेकिन आज के दौर में यही टेलीविजन संस्थान कोरोना के कारण बेहद संकट में है।

क्यूंकि सारे शूटिंग बंद है और वहां काम करने वाले सारे बेरोजगार है।सिर्फ यही नहीं अपितु निर्माताओं और चैनलों का रोजगार भी ठप्प पड़ा है।और यह भी कोई कह नहीं सकता कि कब ये दुबारा शुरू होगा या क्या इसकी आमदनी सही होगी?
हम देख सकते है कि जब कुछ बिक नहीं रहा और सारे मॉल और दुकानें बंद पड़े हैं तो विज्ञापन वाले लोग विज्ञापन किसको देंगे और क्यों देंगे?दूसरी ओर निर्माताओं ने छोटी यूनिट के साथ शूटिंग शुरू करने के रास्ते को समझ लिया है। बहुत सारे दृश्य में बदलाव आयंगे क्यूंकि इस महामरी के बाद उसे ही फिल्माए जाएगा जो अब तक नहीं हुआ यानी जैसे भीड़-भाड़ दृश्य, नजदीकी का दृश्य आदि गौरतलब यह है कि एक दूसरे के बिल्कुल करीब आकर काम नहीं होगा।शूटिंग के लिए बाहर जाना असंभव है इसलिए सारे शूटिंग मुंबई तथा इसके आसपास ही करनी होगी।लेखक को अपने दृश्य के लिखने के तरीके भी बदलना होगा।
काफ़ी लंबे अरसे तक कोई काम ना मिलने से हमारे बजट में कटौती और यूनिट के छोटे होने के वजह से सीरियल्स की बात पर भी असर पड़ेगा और यदि गुणवत्ता में सुधार नहीं आई तो टेलीविजन संस्थान लगाई अपनी बड़ी पूंजी तथा दर्शकों तक को भी खो सकता है।जानकारी के मुताबिक जब तक कोरोना इलाज के टीका नहीं मिलता। तब तक टेलीविजन संस्थान के प्रत्येक व्यक्ति को और यहां तक चैनल को भी अपनी कार्यशैली के साथ अपने जीवनशैली में बदलाव लाना ही होगा।