
सुप्रिया पाठक ने परदे पर खूब पकाई एक्टिंग की ‘खिचड़ी’, हंसा का किरदार रहा करियर का टर्निंग प्वाइंट।

टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक ‘खिचड़ी’ में वरिष्ठ अभिनेत्री सुप्रिया पाठक इस वक्त हंसा के किरदार में नजर आ रही हैं। यह धारावाहिक आया तो साल 2003 में था लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते इस शो का प्रसारण फिर से टीवी पर किया जा रहा है। इसमें सुप्रिया ने एक गुजराती महिला का किरदार निभाया है जिसके चर्चित संवाद जैसे; हेलो! हाउ आर यू?, खाना खाके जाना, हां! लोगों को खूब भा रहे हैं।
इन संवादों पर अपनी यादें ताजा करते हुए अभिनेत्री सुप्रिया पाठक ने बताया, ‘शुरूआत में मुझे हंसा के किरदार को लेकर बहुत चिंता थी क्योंकि हंसा एक ऐसी व्यक्ति थी जो बात तो बहुत करती हैं, लेकिन करती कुछ भी नहीं हैं। जैसे ही मैंने इस किरदार को निभाना शुरू किया मुझे एकदम राहत महसूस हुई। मुझे लगता है कि हंसा एक सदाबहार किरदार है, जिसे निभाने में मुझे बहुत खुशी मिली। अपने जीवन में पहली बार मैं बहुत खुश थी। इस शो को 16 साल बीत चुके हैं फिर भी हंसा आज भी मेरा एक अहम हिस्सा है। हंसा की मासूमियत पूरी तरह से आकर्षक है और वह आशा का एक प्रतीक भी है कि हर परिस्थिति में आखिरकार सबकुछ ठीक हो जाता है।‘
‘खिचड़ी’ के लिए सुप्रिया को कॉमिक किरदार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के इंडियन टेली अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। वर्ष 2005 में इसका सीक्वल भी आया जिसमें शानदार काम के लिए उन्हें फिर से वही सम्मान प्राप्त हुआ। इस धारावाहिक के अलावा सुप्रिया ने अपने पूरे फिल्मी करियर में कई अलग अलग तरह के शानदार किरदार किए हैं। वे किरदार न सिर्फ दर्शकों को पसंद आए, बल्कि समीक्षकों ने भी उनके किरदारो को खूब सराहा। आज हम बताते हैं कि सुप्रिया ने और कौन से किरदारों को अपने संजीदा अभिनय से पर्दे पर जीवंत किया।
कलयुग (1981)
श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी इस फिल्म को नए जमाने के महाकाव्य महाभारत के रूप में समझा जाता है। इस नए जमाने के महाभारत में सुप्रिया ने भगवान कृष्ण की बहन और अर्जुन की पत्नी सुभद्रा की भूमिका निभाई है। महाभारत की ही तरह यह फिल्म भी दो परिवारों की कहानी है जिसमें शशि कपूर, रेखा, राज बब्बर, अनंत नाग आदि मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए सुप्रिया को सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया।
बाजार (1982)
नसीरुद्दीन शाह, फारुख शेख, स्मिता पाटिल और सुप्रिया पाठक जैसे कलाकारों से सजी इस फिल्म की शूटिंग हैदराबाद में हुई है। इस फिल्म में भारत की पुरानी कुप्रथा दुल्हनों की खरीद फरोख्त को प्रकाश में लाने की कोशिश की गई है। इस फिल्म से जुड़ा एक वाकया बहुत मशहूर है। फिल्म की शूटिंग तो हैदराबाद में थी। इसके निर्देशक सागर सरहदी ने सुप्रिया से कह दिया था कि उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं। सुप्रिया खुद जहाज पकड़ें और हैदराबाद आ जाएं। बताया जाता है कि सुप्रिया को इस फिल्म में काम करने के पैसे फिल्म के हिट हो जाने के बाद मिले थे। इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए सुप्रिया को सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
वेक अप सिड (2009)
करण जौहर के निर्माण में बनी इस फिल्म में सुप्रिया पाठक को एक ग्रहणी के रूप में देखा गया। रणबीर कपूर, कोंकणा सेन शर्मा, अनुपम खेर, राहुल खन्ना, कश्मीरा शाह जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में सुप्रिया पाठक के साथ मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। बदलते समय के साथ बदलती पीढ़ी के बच्चों की देखभाल करना और अपनी ख्वाहिशों को उनकी ख्वाहिशों के सामने कुर्बान कर देने वाली मां के किरदार में सुप्रिया को खूब पसंद किया गया।
खिचड़ी: द मूवी
जेडी मजीठिया ने अपने प्रतिष्ठित धारावाहिक ‘खिचड़ी’ को ही एक फिल्म का रूप दे दिया। सभी अभिनेताओं के किरदार इस फिल्म में वैसे ही रहे जैसे उनके धारावाहिक में थे। धारावाहिक की तरह यहां भी सुप्रिया पाठक के अभिनय को बहुत पसंद किया गया। हालांकि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन सुप्रिया पाठक को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नामित किया गया।
गोलियों की रासलीला: राम-लीला (2014)
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी इस सुपरहिट फिल्म में सुप्रिया पाठक ने शानदार काम कर दिखाया। दनकौर बा के किरदार में उन्होंने फिल्म देखने वालों के दिल में अपने लिए नफरत पैदा करवा दी। लीला के ब्याह में आनाकानी करने पर दनकौर बा लीला की उंगली तक काट देती है। ये उन दृश्यों में से एक है जिससे सुप्रिया को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए चुना गया।