Rekha In Kamasutra: रेखा ने इस फिल्म में सिखाया कामसूत्र का पाठ.........!

Rekha In Kamasutra: Rekha taught the lesson of Kamasutra in this film.......!
Rekha Films: रेखा की खूबसूरती का जादू आज भी फैंस पर छाया रहता है। रिच बनारसी साड़ी, बालों में गजरा, भांग में शेंदूर और हाथ में चूड़ियां पहने रेखा की एक ब्लैक बोल्ड फिल्म थी। जिसके बाद बॉलीवुड में खलबली मच गई थी। रेखा की पिछले ५० सालों की सबसे बोल्ड फिल्म थी। आपको सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन फिल्म में महिलाओं के लिए एक अलग शो रखा था। हम बात कर रहे हैं निर्देशक मीरा नायर की फिल्म कामसूत्र: ए टेल ऑफ लव की... ६ फरवरी १९९८ को भारत में रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉलीवुड और आम जनता को झकझोर कर रख दिया था। उस समय बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फ्लॉप फिल्में थीं। इसी वक़्त में इंटरनेशनल प्रोड्यूसर्स की इस फिल्म ने पूरी इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया... इस फिल्म में रेखा ने रासदेवी का किरदार निभाया था। फिल्म में १६वीं सदी के राजाओं और साम्राज्यों की कहानी बताई गई थी। जिस तरह से वात्स्यायन के कामसूत्र को नग्न दृश्यों में शामिल किया गया।
यह फिल्म मूल रूप से अंग्रेजी में थी, जिसे हिंदी में डब किया गया था। इसी तरह इस फिल्म में कामसूत्र से जुड़े इतने सीन थे, कि सेंसर बोर्ड की खूब कैंची चली। लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी था। रेखा ने इस फिल्म में एक लव गुरु की भूमिका निभाई थी। वह आश्रम की महिलाओं को पुरुषों से प्यार करना सिखाती हैं। उस वक्त चर्चा थी,कि रेखा ने इस फिल्म में बोल्ड सीन दिए हैं। लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद इसमें कुछ खास देखने को नहीं मिला। इस फिल्म का गाना भी काफी लोकप्रिय हुआ था। यह रेखा की पहली अंग्रेजी फिल्म थी। लेकिन आज तक ऐसी कोई बोल्ड फिल्म पर्दे पर रिलीज नहीं हुई है। इस फिल्म को देखने के लिए हर उम्र के लोग उमड़ पड़े। लेकिन महिलाएं इस फिल्म से कोसों दूर थीं।
महिलाओं को भी इस फिल्म में काफी दिलचस्पी थी। लेकिन उस समय महिलाओं के लिए घर के दूसरे पुरुषों के साथ बैठकर इस फिल्म को देखना मुश्किल होता था। इसलिए महिलाएं सिनेमाघर में फिल्म देखने नहीं पहुंच सकीं। ऐसे में मुंबई के डिस्ट्रीब्यूटर बालकृष्ण श्रॉफ ने और भी साहसिक फैसला लिया। इस फैसले की पूरे देश में चर्चा हुई। कामसूत्र: ए टेल ऑफ़ लव फॉर लेडीज़ को एक अलग शो दिया गया था। मुंबई और उपनगरों में लगभग १० से १२ थिएटरों में केवल महिलाओं के लिए फिल्मों के तीन बजे शो होते थे। इस योजना के कारण वितरकों ने अच्छी कमाई की। इतना ही नहीं दूसरे बड़े शहरों में भी महिलाओं के लिए अलग से शो आयोजित किए जाते थे।