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CAA पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) दिल्ली चुनाव न लड़ने का ऐलान।

Janprahar Desk
20 Jan 2020 10:58 PM GMT
CAA पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) दिल्ली चुनाव न लड़ने का ऐलान।
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. SAD ने इसके पीछे वजह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को बताया है. पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार (Monday) को कहा कि हमने टिकट या सीट को लेकर नहीं बल्कि नागरिकता संशोधन कानून

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. SAD ने इसके पीछे वजह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को बताया है. पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार (Monday) को कहा कि हमने टिकट या सीट को लेकर नहीं बल्कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर ये फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन पहले की तरह चलता रहेगा, लेकिन हम दिल्ली का चुनाव नहीं लड़ेंगे.

मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) के तौर पर हमारा बीजेपी (BJP) के साथ पुराना गठबंधन है लेकिन बीते दिनों हमारे नेता सरदार सुखबीर बादल के सीएए पर स्टैंड को देखते हुए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि SAD का साफ मानना है, हम धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होने देंगे. हम सीएए का समर्थन करते थे पर किसी धर्म के खिलाफ नहीं हो सकते.

मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कहा, हमारी पिछले 3 दिनों से बीजेपी के साथ वार्ता चल रही थी, लेकिन हम अपने स्टैंड पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि हमारे नेता के आदेश पर यह फैसला लिया गया है कि दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल विधानसभा चुनाव से दूरी बनाएगी. आपको बता दें कि दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल से फिलहाल एक विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) हैं और इस बार उन्होंने भी पार्टी का फैसला मानते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.

मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा गया कि क्या इस फैसले के पीछे बीजेपी के साथ किसी तरह के सीट बंटवारे और टिकट के मामले को लेकर सहमति न बन पाना है तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया. सिरसा ने कहा कि बात सीट या टिकट बंटवारे पर अभी हुई ही नहीं है.

मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा गया कि क्या अब वह शाहीन बाग जाना पसंद करेंगे तो इस पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि हम नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में हैं, जबकि वहां पर बैठे लोग उसके खिलाफ हैं. हमारी उनसे पूरी तरह से वैचारिक समानता नहीं है.

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