

एबीपी सी-वोटर सर्वेक्षण में सोमवार को सामने आया कि राजग राज्य में 77 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है, वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) 40 सीटों पर सिमट सकती है। इसके साथ ही अखिल भारतीय युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को सात और वाम दलों सहित अन्य को महज दो सीटें मिलने की उम्मीद है।
सर्वेक्षण इस महीने की शुरुआत में राज्य के सभी 126 विधानसभा क्षेत्रों में 5,000 से अधिक लोगों पर किया गया है। असम में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है, जहां विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त होगा।
भाजपा और उसकी सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) का गठबंधन राजग, जो एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगा, उसे 2016 के चुनावों में प्राप्त सीटों की तुलना में नौ सीटों पर हार का सामना करना पड़ सकता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि 2016 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में राजग ने जहां 86 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार वह 77 सीटों पर जीत दर्ज कर पाएगा।
सर्वेक्षण के अनुसार, 2016 के विधानसभा चुनावों की तुलना में आगामी चुनावों में संप्रग को 14 सीटों पर लाभ मिल सकती है, जबकि एआईयूडीएफ को छह सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है। पिछले विधानसभा चुनावों में संप्रग ने 26 सीटें और एआईयूडीएफ ने 13 सीटें जीती थीं। पिछले चुनाव के मुकाबले अन्य राजनीतिक दल भी इस बार एक सीट कम प्राप्त कर सकते हैं।
सीट बंटवारे की बात करें तो राजग 73 से 81 के बीच सीटें जीत सकता है, जबकि संप्रग को 36 से 44, एआईयूडीएफ को पांच से नौ और अन्य दलों को शून्य से चार सीटें मिल सकती है।
सर्वेक्षण के अनुसार, वोट शेयर की बात करें तो इस बार 43.1 प्रतिशत के साथ राजग सबसे आगे रहने वाला है, जिसे 2016 की अपेक्षा 1.2 प्रतिशत लाभ मिल सकता है। वहीं संप्रग को 34.9 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं और उसे पिछले विधानसभा चुनावों के 31 प्रतिशत की तुलना में 3.9 प्रतिशत वोटों का लाभ मिल सकता है।
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