
UP विधानसभा चुनाव: भाजपा का 'मिशन 2022', खास प्लान से मुस्लिमों को रिझाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. अब बीजेपी ने सूबे में मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ने की नई रणनीति बनाई है. प्रदेश में पुराने वोट बैंक को मजबूत करने के साथ ही बोनस वोट जुटाने की जुगत में भी पार्टी है. इसके लिए अल्पसंख्यक मोर्चा ने हर बूथ पर सौ मुस्लिम वोट अतिरिक्त हासिल करने की रणनीति के साथ-साथ मुस्लिम प्रबुद्ध सम्मलेन कराने की योजना बनाई है.
BJP की नई रणनीति…
प्रदेश संगठन को 31 अगस्त तक बूथ स्तर तक तैयार करने का है. हर बूथ पर 21 सदस्यों की समिति होगी. इन्हें लक्ष्य दिया गया है कि हर बूथ पर अल्पसंख्यकों में खास तौर पर मुस्लिमों के सौ वोट भाजपा प्रत्याशी को दिलाए. एक बूथ, सौ वोट की रणनीति होगी तो सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए, लेकिन जिन सीटों पर मुस्लिम आबादी एक लाख से अधिक है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मुस्लिम प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन प्रदेशभर में कराए जाने का फैसला किया जा चुका है.
किस पर है बीजेपी की नजर...
बीजेपी की नजर उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की पिछड़ी जातियों (पसमांदा) पर है. जिन्हें सरकार में आयोग और पार्टी संगठन में तवज्जो देकर उनके बीच गहरी पैठ बनाने की कोशिश की गयी है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की कमान मौजूदा समय में मुस्लिम पिछड़ी जातीय के गाड़ा बिरादरी से आने आतिफ रशीद के हाथों में है, जो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आते हैं. इतना ही नहीं, यूपी में योगी सरकार ने भी यूपी अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन अशरफ सैफी को बनाया है. जो पिछड़ी जाति के बढ़ई समाज से आते हैं.
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