जस्टिस मुरलीधर मामले में कानून मंत्री ने दी प्रतिक्रिया, राहुल के बयान पर रविशंकर प्रसाद बोले- क्या वह सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं?

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) के जज जस्टिस एस मुरलीधर (Justice S Murlidhar) का ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में किये जाने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी द्वारा उठाए गए सवालों का कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Law Minister Ravi Shankar Prasad) ने जवाब किया है. गुरुवार को किये गए ट्वीट्स में एक ओर जहां उन्होंने पूरे मामले पर सफाई दी साथ ही कांग्रेस पर भी पलटवार किया. उन्होंने लिखा- ‘माननीय जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर भारत के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की 12.02.2020 की सिफारिश के अनुसार किया गया था. जज का ट्रांसफर करते समय जज की सहमति ली जाती है.अच्छी तरह से तय प्रक्रिया का पालन किया गया है.’
उन्होंने लिखा- ‘एक रूटीन प्रॉसेस का राजनीतिकरण करके कांग्रेस ने न्यायपालिका के लिए तुच्छता प्रदर्शित की है. भारत के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को अस्वीकार कर दिया है और इसलिए यह उन संस्थानों को नष्ट करने पर आमादा है, जिन पर भारत को गर्व है.’
कानून मंत्री ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जस्टिस लोया को लेकर किये जाने वाले ट्वीट पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘लोया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से सुलझा लिया है. सवाल उठाने वाले लोग शीर्ष अदालत के निर्णय का सम्मान नहीं करते हैं. क्या राहुल गांधी खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर मानते हैं?’
प्रसाद ने कहा, ‘हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं. इमरजेंसी के दौरान न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में, सुप्रीम कोर्ट के जजों को सुपरसीड करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड सबको पता है. जब निर्णय उनकी पसंद का हो, तभी वे खुश होते हैं अन्यथा वे संस्थानों पर सवाल ही उठाते हैं.’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने आपत्तिजनक भाषण देने वाले नेताओं का बचाव करते हुए कहा, ‘जो एक परिवार की निजी संपत्ति बन चुकी पार्टी को आपत्तिजनक भाषणों के बारे में लेक्चर देने का कोई अधिकार नहीं है. परिवार और उनके भाई-बहनों ने न्यायालयों, सेना, कैग, पीएम और भारत के लोगों के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है.’