
Book Hotel: जोंधले दादी का किताब होटल... चाय की एक टपरी थी और अब...!

Book Hotel: Hotel of Jondhale Aaji... There was a cup of tea and now...!
Book Hotel: अब तक आपने होटलों में तरह-तरह के खाने के मेन्यू देखे होंगे। लेकिन नासिक के पास एक होटल है, जो आपको किताबों की दावत के साथ-साथ लजीज खाने का भी ऑफर देता है। इस होटल की चर्चा इस समय पूरे सोशल मीडिया पर हो रही है।
जोंधले दादी ओझर के पास टेंथ माइल इलाके में एक बुक होटल चलती हैं। उनके होटल का नाम रिलैक्स कॉर्नर है। दादी ने अपने होटल में स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ किताबों की दावत भी दी है,ताकि मोबाइल फोन की आदी पीढ़ी किताबों के प्रति रुचि विकसित कर सके और समाज में पढ़ने की संस्कृति को विकसित कर सके। इस होटल में बैठकर ऐसा लगता है,जैसे किसी लाइब्रेरी में बैठे हों। उन्होंने अपने होटल में किताबों को बड़े ही अनोखे तरीके से अरेंज किया है। एक तरफ बैठने की व्यवस्था और दूसरी तरफ किताबों की व्यवस्था। दादी हर उस व्यक्ति को बताती हैं,जो मोबाइल फोन को अलग रखने और किताब पढ़ने के लिए आता है।
दादी इस होटल को पिछले बारह सालों से चला रही हैं। इसलिए पिछले सात साल से वह अपने होटल में किताबें रखने लगी है। मेनू कार्ड की संख्या कम करके पुस्तकों की संख्या में वृद्धि करना। ऑर्डर आने तक ग्राहक किताब को पढ़े और होटल में विभिन्न किताबें भी रखती है। इसके पीछे मकसद यह है,कि किताब पढ़ने की संस्कृति विकसित हो।
चाय के टापरी से शुरू किया बिजनेस
१९७२ के सूखे के बाद स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, इसलिए जोंधले दादी ने शुरू में चाय की टापरी शुरू की। आज यह चायघर एक बुक होटल में तब्दील हो गया है। जोंधले दादी मां के घर की बनी रोटी इस इलाके में काफी मशहूर है। उनकी हाथ की बनी नगली, बाजरे की रोटियां और कुरकुरे बैटर लोगो को बहुत पसंद आते हैं। इस स्वादिष्ट भोजन करने आने वाले लोगो ने किताबों की दावत का भी सभी ने आनंद लिया। इसलिए आज की कठिन दुनिया मोबाइल फोन की आदी हो चुकी है, ७२ साल की दादी द्वारा शुरू किया गया किताबों का यह होटल निश्चित रूप से सभी के लिए एक प्रेरणा है।
