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South Industry famous love Story: प्रेमी की मौत के बाद बॉडी देखने के लिए 'प्रेमिका' को लड़नी पड़ी जिंदगी की जंग.......!

South Industry Famous Love Story: After the death of her lover, 'girlfriend' had to fight for life to see the body . . .
एमजीआर बर्थ एनिवर्सरी: ऐसा कहा जाता है,कि जिससे आप प्यार करते हैं उसके साथ जिंदगी बिताने का मौका मिलना, उस शख्स से शादी करना जो सिर्फ किस्मत वालों को ही मिलता है। प्यार का ये रिश्ता जितना खूबसूरत होता है उतना ही काटो से भरा भी होता है। एक-दूसरे को समझने और एक-दूसरे को मजबूत करने से रिश्ता दिन-ब-दिन मजबूत होता है। इसमें उतार-चढ़ाव भी हैं। लेकिन जब मनुष्य के जीवन में हमें समृद्ध करने वाले ये रिश्ते टूट जाते हैं, तो दर्द अवर्णनीय होता है। कई लोगों ने इस स्थिति का सामना किया है। यहां तक कि दक्षिणी कला जगत के सुपरस्टार एमजीआर को भी ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा था।
तमिल सिनेमा के चमकते सितारे एमजीआर...
एमजीआर ने एक अभिनेता, राजनीतिक नेता और व्यक्ति के रूप में अपार लोकप्रियता हासिल की थी। दक्षिण में कई लोगों के लिए, वह एक देवता थे। यह उनके प्रति लोगों का प्यार नहीं, बल्कि जुनून लगातार नजर आ रहा था। जब अभिनेता को दर्द हुआ तो,यह दर्द उसके प्रशंसकों को मिलने वाले दर्द की तरह होता है। अपनी जान देकर कई लोगो की मदद करने वाले एमजीआर का व्यक्तित्व काबिलेतारीफ था।फिल्मों में अपनी शर्तों पर काम करने वाले इस अभिनेता के लिए निर्माता-निर्देशक उनके कहने पर स्क्रिप्ट में बदलाव करते थे। युवतियों के दिलों पर राज करने वाले एमजीआर का निजी जीवन भी चर्चा का विषय रहा है।
जयललिता और एमजीआर... एक रिश्ते की कहानी...........AIADMK पार्टी की प्रमुख जयललिता ने तमिल फिल्म उद्योग के दिग्गज एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर के साथ लगभग २८ फिल्मों में काम किया है। जयललिता के मन में एमजीआर के लिए बहुत सम्मान था। इनके रिश्ते पर पूरी दुनिया की नजर थी। खुद जयललिता के मुताबिक, जब रेगिस्तान में फिल्म की शूटिंग चल रही थी, तब एमजीआर ने जयललिता को उठा के अपनी बाहो में लिया था। इतनी अच्छी देखभाल करते थे।
एमजीआर का शब्द जयललिता के लिए लक्ष्मण लकीर थी। उनके कहने पर ही जयललिता ने कला जगत में तूफान लाकर राजनीति में प्रवेश किया। एमजीआर की तीन शादीया हुई थी। लेकिन, वह अभी भी ३१ साल छोटी जयललिता के प्यार में थे। लेकिन, ये रिश्ता सफल नहीं हुआ।
एमजीआर के परिवार के पास जयललिता के लिए नफरत के अलावा कुछ नहीं था। यहां तक कि उनकी मौत के बाद भी परिवार ने जयललिता को अपने घर में नहीं घुसने दिया। अंत में यह पता चला कि एमजीआर के शरीर को राजाजी हॉल लाया गया था और जयललिता वहां पहुंचीं। उस समय उनकी आंखों से एक आंसू तक नहीं निकला। वह लगातार दो दिनों तक एमजीआर के शव के पास खड़ी रहीं।
प्रशंसकों ने एमजीआर के लिए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली...
एमजीआर १९५३ में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। अस्पताल में रहते हुए उन्होंने चुनाव के लिए अपना आवेदन दाखिल किया। १९८४ में, जब वह किडनी की विफलता के कारन उन्हें इलाज के लिए न्यूयॉर्क जाना पड़ा तो १३ प्रशंसकों ने अपने जीवन को समाप्त करने का चरम कदम उठाया था। कई लोगों ने उन्हें किडनी देने के लिए तार लिखे थे। इलाज से लौटने के बाद एमजीआर ने तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। २४ दिसंबर १९८७ को उनका निधन हो गया। इस खबर को सुनते ही उनके ३० प्रशंसकों ने भी अतिवादी कदम उठाया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।