
- Home
- /
- Breaking News
- /
- Classified Documents,...
Classified Documents, मामला क्या है? बाइडेन, ट्रंप, माइक पेंस जैसे बड़े नेता क्यों फंसे मुश्किल में?

Classified documents, what is the case? Why big leaders like Biden, Trump, Mike Pence are in trouble?
अमेरिका में इस समय क्लासीफाइड डॉक्युमेंट्स यानी गोपनीय दस्तावेजों का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। यह भविष्यवाणी की जाती है,कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति परेशानी में आएँगे।हाल ही में पूर्व उपराष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता माइक पेंस के घर से गोपनीय दस्तावेज मिले थे। माइक पेंस के वकीलों ने कहा,कि उनके घर पर लगभग एक दर्जन गोपनीय दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। सभी दस्तावेज एफबीआई को सौंप दिए गए हैं। एफबीआई इस बात की जांच करेगी कि गोपनीय दस्तावेज पेंस के घर कैसे पहुंचे। जनवरी की शुरुआत में राष्ट्रपति जो बाइडेन के घर से गोपनीय दस्तावेज भी मिले थे। जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर से भी गोपनीय दस्तावेज मिले थे। आखिर क्या है, ये मामला जिसकी अमेरिका में हो रही है चर्चा? इस मामले में वास्तव में सजा क्या है? आइए इसके बारे में पता करते हैं।
किसके पास गोपनीय दस्तावेज हैं? माइक पेंस के घर से करीब एक दर्जन दस्तावेज मिले हैं। वे दावा करते रहे,कि मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं है। २०२४ में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार कर रहे माइक पेंस अपने घर में ऐसा गोपनीय दस्तावेज पाकर हैरान हैं। दूसरी तरफ मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन भी मुश्किल में हैं। उक्त गोपनीय दस्तावेज वाशिंगटन में उनके कार्यालय में मिले थे। उन पर अपने आवास और कार्यालय में देश से जुड़े गोपनीय दस्तावेज रखने का आरोप है। बिडेन ने २००९ से २०१६ तक राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया है। इसे उस समय का दस्तावेज बताया जा रहा है। अमेरिकी न्याय विभाग मामले की जांच कर रहा है।
अगस्त २०२२ में एफबीआई ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास पर छापा मारा था। एफबीआई को उसके घर से गोपनीय दस्तावेज मिले हैं। तभी माइक पेंस का बयान आया कि मेरे पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है।
वर्गीकृत दस्तावेज़ क्या है? वाशिंगटन पोस्ट और अमेरिकी मीडिया के अनुसार, वर्गीकृत दस्तावेज़ वे होते हैं जिनमें देश के बारे में संवेदनशील जानकारी होती है। जिसका खुलासा होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही गुप्त अभियानों, सैन्य योजनाओं और परमाणु हथियारों की योजनाओं से संबंधित सूचनाओं को गोपनीय दस्तावेज माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्गीकृत दस्तावेजों को संरक्षित करने की प्रथा शुरू हुई। ये दस्तावेज़ ईमेल, फ़ोटोग्राफ़, मानचित्र, डेटाबेस या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के रूप में भी हो सकते हैं। सूचना का माध्यम चाहे जो भी हो, उसे गोपनीय दस्तावेज के रूप में तोड़ा जाता है।
वर्गीकृत दस्तावेजों को कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के ३३वें राष्ट्रपति हैरी ट्रूमन ने गोपनीय दस्तावेजों को लेकर सरकार का फैसला जारी किया और स्पष्ट निर्देश दिए। किस हद तक वे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और न्याय विभाग की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसके आधार पर वर्गीकृत दस्तावेजों की तीन श्रेणियां हैं।
१. टॉप सीक्रेट :- इस श्रेणी में संयुक्त राज्य में सबसे गुप्त और अत्यधिक संवेदनशील जानकारी शामिल है। अगर यह जानकारी सामने आती है,तो राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है। केवल सीमित संख्या में उच्च-श्रेणी के लोगों को ही ऐसे दस्तावेज़ देखने की अनुमति है। डोनाल्ड ट्रंप के घर से मिले कुछ दस्तावेजों को टॉप सीक्रेट की श्रेणी में रखा गया था।
२. सीक्रेट:- ये दस्तावेज भी संवेदनशील श्रेणी में आते हैं। लेकिन जोखिम शीर्ष रहस्य से कम है। इसमें अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से जुड़ी जानकारियां होती हैं। उदाहरण के लिए, खुफिया गतिविधियों के लिए वित्तीय प्रावधान बहुत अधिक है।
3. गुप्त:- इस प्रकार के दस्तावेजों को संवेदनशील नहीं माना जाता है। इसके बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। सरकारी अधिकारियों, कई विभागों के कर्मचारियों को इन दस्तावेजों को संभालने की अनुमति है।
गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने की सजा क्या है?
गोपनीय दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में १९७८ का राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम लागू किया गया था। इसके माध्यम से दस्तावेज़ को नियंत्रित और संरक्षित किया जाता है। यदि ऐसे दस्तावेज जारी किए जाते हैं, तो अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा उनकी जांच की जाती है। स्तर निर्धारित होने के बाद, संबंधित व्यक्ति पर महाभियोग लगाया जाता है। ऐसे ही एक मामले में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हिलेरी क्लिंटन का राष्ट्रपति बनने का सपना चकनाचूर हो गया। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने घर पर दस्तावेज मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई का सामना करने का फैसला किया है।