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जम्मू-कश्मीर में मिला बड़ा खजाना, अब अमेरिका और चीन को भी पछाड़ देगा भारत........

Sudarshan Kendre
10 Feb 2023 11:27 AM GMT
Big treasure found in Jammu and Kashmir, now India will beat America and China
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Big treasure found in Jammu and Kashmir, now India will beat America and China

प्रसिद्ध कवि और गायक अमीर खुसरो ने जम्मू-कश्मीर के बारे में लिखा है, कि अगर इस धरती पर स्वर्ग है तो वो है जम्मू-कश्मीर। आतंकियों ने हाल के दिनों में इस जमीन को काफी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन भारतीय जवानों ने कई बार आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया है। इस धरती में एक ऐसा खजाना मिल गया है, जो भारत की तकदीर बदल सकता है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की ताकत को बढ़ा सकता है। केंद्र सरकार ने कहा है, कि जम्मू-कश्मीर में ५.९ लाख टन लिथियम के भंडार की खोज की गई है, जो भारत के परिवहन कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। क्योंकि लिथियम एक अलौह धातु है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में किया जाता है। इससे देश में ई वी उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के सलाल-हिमाना क्षेत्र में लिथियम धातु की खोज की गई है। यहाँ पर कुल ५१ ब्लॉक पाए गए हैं। इनमें से ५ ब्लॉक में लिथियम, सोना, पोटाश, मोलिब्डेनम के भंडार हैं। इसके अलावा १७ ब्लॉक में कोयले के भंडार हैं। लिथियम के कई फायदे हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल ज्यादातर रिचार्जेबल बैटरी बनाने के लिए किया जाता है। गुरुवार को हुई ६२वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक में १५ अन्य संसाधन भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और ३५ भूवैज्ञानिक ज्ञापन के साथ रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दी गई है।

ऑस्ट्रेलिया पर भारत की निर्भरता कम होगी.........

लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे खनिजों का उपयोग मोबाइल फोन, सौर पैनल सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। हम इन खनिजों का आयात ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से करते हैं। लेकिन अब भारत में लिथियम के भंडार की खोज से भारत इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो उद्योगों में आत्मनिर्भर बन सकता है।

अमेरिका और चीन से मुकाबला.........

देश में लिथियम के भंडार की खोज ने देश के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को काफी बढ़ावा दिया है। अमेरिका और चीन वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अग्रणी देश हैं। भारत में वाहनों का बहुत बड़ा बाजार है। इसलिए भारत अब इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अमेरिका और चीन के रैंक में शामिल हो जाएगा।

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