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इस जगह पर घर के सभी भाई एक ही लड़की से करते है शादी... एक-एक करके उस लड़की के साथ.......!

Sudarshan Kendre
29 Jan 2023 10:00 AM GMT
At this place, all the brothers of the house marry the same girl. One by one with that girl...!
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At this place, all the brothers of the house marry the same girl. One by one with that girl...!

महाभारत में द्रौपदी का विवाह पांच पांडवों से हुआ था, इस बात को लेकर आज भी विवाद है। आज भी यह बात बहुत ही असामान्य मानी जाती है। लेकिन आपको शायद पता ना हो,एक और जगह ये बात रिवाज है और इसे बेहद सामान्य माना जाता है। एक लड़की के कई पतियों से विवाह करने की प्रथा प्रचलित है। कुछ साल पहले हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसे लेकर खबरें आती थीं। किन्नौर जिले में बहुविवाह प्रथा प्रचलित थी। लेकिन लगभग एक दशक से इस प्रथा में गिरावट आई है। लेकिन दुनिया का एक हिस्सा ऐसा भी है,जहां यह प्रथा आम है। पहले बड़ा भाई अपनी पत्नी के साथ समय बिताता है। और फिर दूसरे भाइयों को उम्र के हिसाब से समय मिलता है। बहुविवाह अभी भी तिब्बत में जारी है। तिब्बत में बहुविवाह बहुत आम बात है। जहां दो, तीन, चार भाई एक पत्नी के साथ रहते हैं। सबके बच्चे भी साथ ही रहते है और अक्सर पता ही नहीं चलता कि कौन किसका पिता है।

तिब्बत में सबसे बड़ा भाई एक लड़की से शादी कर लेता है और फिर बाकी भाई भी उससे शादी कर लेते हैं। हालाँकि अब यह बदल रहा है, आज भी विवाह माता-पिता की सहमति के बिना नहीं होते हैं। परिवार का सबसे छोटा बेटा अधिकांश विवाह समारोहों में शामिल नहीं होता है। बच्चे को केवल तभी भाग लेने की अनुमति दी जाती है,जब वह किशोर या अधिक उम्र का हो। तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद से, विवाह के इस रिवाज में गिरावट आई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी यह प्रथा प्रचलित है। यहां के ज्यादातर परिवारों में सबसे छोटे बेटे को साधु बनने के लिए भेजा जाता है।

ऐसा जमीन के बंटवारे से बचने के लिए किया जाता है। प्राचीन काल में इंग्लैण्ड में यह प्रथा थी,कि जिनके पास कोई संपत्ति नहीं होती उनके सबसे छोटे बेटे को नाइटहुड के लिए भेजा जाता था। इसके बाद धीरे-धीरे एक ही परिवार के अन्य भाइयों के साथ एक महिला की शादी करने की प्रथा ने भूमि के बंटवारे को रोकना शुरू कर दिया। यह प्रथा भूमि के विभाजन से बचने और करदान से बचने के लिए जारी रही। चीन ने १९५९ और १९६० के बीच तिब्बत में इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया,लेकिन कुछ ग्रामीण हिस्से में यह रिवाज आज भी जारी है।

कई बार इन बच्चों को पता भी नहीं होता कि उनका जैविक पिता कौन है। कुछ परिवारों में बड़े बेटे को ही पिता कहा जाता है। कभी-कभी एक बेटा शादी के बाद परिवार छोड़ना चाहता है और उसे जाने दिया जाता है। परिवार में सभी बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है।

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