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नॉर्वे के समुद्र में मिला एक बड़ा 'खजाना', अगर निकाल दिया जाए तो, बदल जाएगी दुनिया की तकदीर !

A huge 'treasure' found in the Sea of Norway, if removed, will change the fate of the world!
ओस्लो - नॉर्वे में दुर्लभ धातुओं और खनिजों के बड़े भंडार की खोज की गई है। नार्वे के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा,कि अध्ययन के दौरान उन्हें समुद्र की सतह पर बड़ी मात्रा में धातु और खनिज मिले हैं। नॉर्वे तेल और गैस का एक प्रमुख निर्यातक देश है।
नार्वेजियन पेट्रोलियम निदेशालय (एनपीडी) ने एक बयान में कहा, "अध्ययन के दौरान समुद्र के तल पर पाए जाने वाले धातुओं में मैग्नीशियम, नाइओबियम, कोबाल्ट और दुर्लभ खनिज शामिल हैं"। अनुमान है,कि नार्वे सागर और ग्रीनलैंड सागर के सुदूर क्षेत्रों में ३८ मिलियन टन तांबा पाया जाएगा। यह हर साल दुनिया भर में खनन किए गए तांबे की मात्रा का दोगुना है। सल्फाइड या ब्लैक स्मोकर्स की बात करें तो ये गहरे समुद्र के तलछट पर पाए जाते हैं। ये लगभग ३ किमी की गहराई पर पृथ्वी के मेंटल से मैग्मा निकलने से बनते हैं।
दुर्लभ धातुओं की खोज –
अनुमानित २४ मिलियन टन मैग्नीशियम और ३.१ मिलियन टन कोबाल्ट भी बताया गया है। १.७ मिलियन टन सेरियम और मिश्र धातुओं में इस्तेमाल होने वाली एक दुर्लभ धातु मिली है। मैंगनीज मेंटल में अन्य दुर्लभ धातुएं जैसे कि नियोडिमियम, येट्रियम और डिस्प्रोसियम पाई जाती हैं। एनपीडी ने कहा,कि नियोडिमियम और डिस्प्रोसियम दुर्लभ खनिज हैं। यह पवन चक्कियों और इलेक्ट्रिक वाहन इंजनों में चुम्बकों के लिए आवश्यक है।
इस से पर्यावरण को क्या है खतरा-
पर्यावरण समूहों ने समुद्री जीवन के लिए खनन के खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का कहना है,कि खनन के प्रभाव को समझने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है। नॉर्वे के इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन रिसर्च ने एक एडवाइजरी लेटर में कहा है,कि गहरे महासागरों के बारे में ज्ञान की कमी है। यहां हमेशा नई प्रजातियां खोजी जाती हैं। एनपीडी ने कहा,कि आगे के अध्ययन यह निर्धारित करेंगे कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कितने खनिजों को निकाला जा सकता है।